Wednesday, September 22, 2010

और वो आते हैं

तेरी ही बातें
तेरी ही यादें
तेरे ही नगमे
तेरे ही सपने

उफ़ ये रातें
और , ये बरसातें

दिल में हलचल
बाहर निकल
किसी से मिल
न कोई हल
हृदय विकल

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